Sunday, February 28, 2010

यह माँ का कर्तव्य हैं कि बच्चे को बचपन से ही ईश्वर की ओर प्रेरित करे,जो माँ ऐसा नहीं कर पाती वह अपूर्ण हैं एवं उसे माँ कहलाने का कोई हक नहीं क्योंकि उसने अपने बच्चे को जीवन की सबसे महत्वपूर्ण सीख नहीं दी।

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