Friday, July 2, 2010

जीवन को सार्थक एवं सफल बनाने के लिए अपना पूरा प्रयत्न, पूरी शक्ति एवं आयु लगानी पड़ती हैं, तब कहीं जाकर सफलता प्राप्त होती हैं, परन्तु कुछ लोग तो बगैर प्रयत्न करे ही सफलता की अपेक्षा करते हैं एवं अनितिपूर्ण व्यवहार अपनाते हैं जो कि सर्वथा अनुचित हैं, मनुष्य को चाहिए कि वह अपनी समूची ताकत से अपने कर्तव्य की पूर्ति करें एवं सही समय आने पर सफलता की प्राप्ति निश्चित हैं।

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