Wednesday, July 28, 2010

हर मनुष्य को एक सीमित एवं और अन्जान अवधि का जीवन रूपी वरदान ईश्वर से मिला हैं जिसे सुन्दर से सुन्दर ढंग से व्यतीत करना चाहिए। मनुष्य को उलझन और अशांति से दूर ही रहना चाहिए और सदा विवेकपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। उसे स्वयं तो अपना जीवन अच्छे से बिताना ही चाहिए साथ ही साथ दूसरों की बेहतर जीवन बीताने में सहायता भी करनी चाहिए तभी उसके जीवन का उद्देश्य पूर्ण हो पाएगा।

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